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पहिला परिवार

आदम अउ ओकर मेहरारु हव्वा क बीच मँ तने क रिस्ता भवा अउ हव्वा एक ठु बच्चा जन्मेस। बच्चा क नाउँ काबील रखा गवा। हव्वा कहेस, “यहोवा क मदद स मइँ एक मनई पाएउँ ह।”

ऍकरे पाछे हव्वा एक ठु दूसर बच्चा क जन्मेस। इ लरिका काबील क भाई हाबिल रहा। हाबिल गड़रिया बना। काबिल किसान बना।

पहिला कतल

3-4 फसिल क टेमँ काबील एक ठु भेंट यहोवा क लगे लइ आवा। जउन अनाज काबील आपन जमीन मँ उपजावत रहा, ओहमाँ स तनिक अन्न उ लइ आवा। मुला हाबिल आपन जनावरन क झुण्ड मँ स कछू जनावर लावा। हाबिल आपन सबन त नीक भेड़ी क सबन त बढ़िया हीसा लइ आवा।

यहोवा हाबिल अउ ओकरी भेंट क अंगीकार किहस। मुला यहोवा काबील अउ ओकरे जरिये लाइ गइ भेंट क अंगीकार नाही किहस। ओकर चेहरा उदास होइ गवा। यहोवा काबील स पूछेस, “तू काहे कोहान अहा? तोहार चेहरा काहे बहोत उदास भवा देखात बाटइ? अगर तू नीक काम करिब्या तउ तू मोरी निगाह मँ ठीक रहब्या। तब मइँ तोहका अपनाउब। मुला अगर तू उ काम नाही करिब्या जउन कि नीक अहइ तउ पाप तोहार दरवाजे पइ घात मँ रहब्या। इ तोहका तबाह करइ चाहत ह। मुला तोहका ऍका आपन बस मँ रखइ चाही।”

काबील आपन भाई हाबिल स कहेस, “आवा हम मैदान मँ चली।” ऍह बरे काबील अउ हाबिल मैदान मँ गएन। तब काबील आपन भाई प हमला कइ दिहस अउ ओका मारि डाएस।

पाछे यहोवा काबील स पूछेस, “तोहार भाई हाबिल कहा बा?”

काबील जवाब दिहेस, “मोका नाही मालुम। का इ मोर काम अहइ कि मइँ आपन भाई क चउकसी अउ देखभाल करउँ?”

10-11 तब्बइ यहोवा कहेस, “तू इ का किहा? तोहरे भाई क रकत जमीन स बोलत अहइ कि का होइ ग अहइ? तू आपन भाई क कतल किहा ह, भुइँया तोहरे हाथे स ओकर रकत लेइ बरे खुल गइ अहइ। ऍह बरे तोहका अगिया नाही अहइ कि तू धरती स कउनो लाभ उठावा। 12 बीता जमाना मँ तू फसल लगाया अउ उ अच्छी जामी। मुला अब तू बढ़िया फसल बोउब्या अउ जमीन तोहार अच्छी फसल होइ मँ मदद न करी। तोहका भुइँया प घर न मिली। तू जगह-जगह भटकत रहब्या।”

13 तब काबील कहेस, “इ सजा ऍतनी जियादा अहइ कि मइँ सह नाहीं सकत हउँ। 14 लखा, तू आज मोका धरती स तजि दिहस मइँ न तउ तोका देख पाउब अउर न ही तोर निकट रह पाउब। मोर घर नाहीं बा। मोका जगह-जगह भटकइ प बेबस कीन्ह जाई। अउर जदि कउनो मनई मोका पाइ तउ उ मोका मारि डाइ।”

15 तब यहोवा काबील स कहेस, “मइँ इ नाही होइ देब। जदि कउनो तोहका मारी तउ मइँ उ मनई क बहोत कठोर सजा देब।” तब यहोवा काबील प एक चीन्हा बनाएस। इ चीन्हा उ बतावत रहा कि काबील क कउनो न मारइ।

काबील क परिवार

16 तब कबील यहोवा क तजि क चला गवा। काबील नोद देस मँ रहइ लाग।

17 काबील आपन मेहरारु क संग तने क रिस्ता किहस। उ गाभिन होइ गइ। उ हनोक नाउँ क बच्चा जन्म दिहस। काबील एक सहर बसाएस, अउर ओकर नाउँ आपन पूत क नाउँ प हनोक ही राखेस।

18 हनोक स ईराद पइदा भवा, ईराद स महूयाएल पइदा भवा, महूयाएल स मतूसाएल पइदा भवा अउर मतूसाएल स लेमेक पइदा भवा।

19 लेमेक दुइ मेहरारु स बियाह किहस। एक मेहरारु क नाउँ आदा अउ दूसर क नाउँ सिल्ला रहा। 20 आदा याबल क जन्मेस। याबाल ओन मनइयन क बाप रहा जउन तम्बू मँ रहत रहेन अउ गोरु क पाल पोस क आपन गुजर बसर करत रहेन। 21 आदा क दूसर पूत यूबाल भी रहा। यूबाल, याबाल क भाई रहा। यूबाल ओन मनइयन क बाप रहा जउन बीणा अउ बाँसुरी बजावत रहेन। 22 सिल्ला तूबलकैन क जन्म दिहस। तूबलकैन ओन मनइयन क बाप रहा जउन काँसा अउ लोहा क पेसा करत रहेन। तूबलकैन क बहिन क नाउँ नामा रहा।

23 लेमेक आपन मेहरारुअन स कहेस:

“ऐ आदा अउ सिल्ला मोरउ बात सुना,
    लेमेक क मेहररुओ! जउन बतियन मइँ कहत हउँ, सुना।
एक मनई मोका चोट पहुँचाएस, मइँ ओका मारि डालेउँ।
    एक जवान मोका चोट पहुचाएस ऍह बरे मइँ ओका मारि डाएउँ।
24 जदि काबील क कतल करइ क सजा सात गुना अहइ तउ
    लेमक क कतल क सजा सतहत्तर गुना होब्या!”

आदम अउ हव्वा क नवा पूत पइदा भवा

25 आदम अउ हव्वा क संग पुन तने क रिस्ता भवा अउ हव्वा एक ठु अउर बच्चा क जन्म दिहेस। उ पचे इ लरिका क नाउँ सेत राखेन। हव्वा कहेस, “परमेस्सर मोका एक अउर पूत दिहेस ह। काबील हाबिल क मारि डाएस मुला सेत अब मोरे लगे अहइ।” 26 सेत क भी एक पूत रहा। एकर नाउँ एनोस रहा। उ टेमँ लोगन यहोवा क आराधना करई लागेन।[a]

Footnotes

  1. 4:26 उ टेमँ … लागेन इ सब्द क अरथ अहइ यहोवा क गोहरावइ लागेन।