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यरूशेलम में नये लोगों का प्रवेश

11 देखो अब इस्राएल के लोगों के मुखिया यरूशलेम में बस गए। इस्राएल के दूसरे लोगों को यह निश्चित करना था कि नगर में और कौन लोग बसेंगे। इसलिए उन्होंने पासे फेंके जिसके अनुसार हर दस व्यक्तियों में से एक को यरूशलेम के पवित्र नगर में रहना था और दूसरे नौ व्यक्तियों को अपने—अपने मूल नगरों में बसना था। यरूशलेम में रहने के लिए कुछ लोगों ने स्वयं अपने आप को प्रस्तुत किया। अपने आप को स्वयं प्रस्तुत करने के लिए दूसरे व्यक्तियों ने उन्हें धन्यवाद देते हुए आशीर्वाद दिये।

ये प्रांतों के वे मुखिया हैं जो यरूशलेम में बस गये। (कुछ इस्राएल के निवासी कुछ याजक लेवीवंशी मन्दिर के सेवक और सुलैमान के उन सेवकों के वंशज अलग—अलग नगरों में अपनी निजी धरती पर यहूदा में रहा करते थे, तथा यहूदा और बिन्यामीन परिवारों के दूसरे लोग यरूशलेम में ही रह रहे थे।)

यहूदा के वे वंशज जो यरूशलेम में बस गये थे, वे ये हैं:

उज्जियाह का पुत्र अतायाह (उज्जियाह जकर्याह का पुत्र था, जकर्याह अमर्याह का पुत्र था, और अमर्याह, शपत्याह का पुत्र था। शपत्याह महललेल का पुत्र था और महललेल पेरेस का वंशज था) मासेयाह बारुक का पुत्र था (और बारुक कोल—होजे का पुत्र था। कोल होजे हजायाह का पुत्र था। हजायाह योयारीब के पुत्र अदायाह का पुत्र था। योयारीब का पिता जकर्याह था जो शिलोई का वंशज था) पेरेस के जो वंशज यरूशलेम में रह रहे थे, उनकी संख्या थी चार सौ अड़सठ। वे सभी लोग शूरवीर थे।

बिन्यामीन के जो वंशज यरूशलेम में आये वे ये थे:

सल्लू जो योएद के पुत्र मशूल्लाम का पुत्र था (मशूल्लाम योएद का पुत्र था। योएद पदायाह का पुत्र था और पदायाह कोलायाह का पुत्र था। कोलायाह इतीएह के पुत्र मासेयाह का पुत्र था और इतीएह का पिता यशायाह था) जिन लोगों ने यशायाह का अनुसारण किया वे थे गब्बै और सल्लै। इनके साथ नौ सौ अटठाईस पुरुष थे। जिक्री का पुत्र योएल इनका प्रधान था और हस्सनूआ का पुत्र यहूदा यरूशलेम नगर का उपप्रधान था।

10 यरूशलेम में जो याजक बस गए, वे हैं:

योयारीब का पुत्र यदायाह और याकीन, 11 तथा सरायाह जो हिलकियाह का पुत्र था। (हिल्किय्याह सादोक के पुत्र मशुल्लाम का पुत्र था और सादोक अहीतूब के पुत्र मरायोत का पुत्र) अहीतूब परमेश्वर के भवन की देखभाल करने वाला था। 12 उनके भाईयों के आठ सौ बाइस पुरुष, जो भवन के लिये काम किया करते थे। तथा यरोहाम का पुत्र अदायाह। (यरोहाम, जो अस्सी के पुत्र पलल्याह का पुत्र था। अस्सी के पिता का नाम जकर्याह औऱ दादा का नाम पशहूर था। पशहूर जो मल्किय्याह का पुत्र था) 13 अदायाह और उसके साथियों की संख्या दो सौ बयालीस थी। ये लोग अपने—अपने परिवारों के मुखिया थे। अमशै जो अज़रेल का पुत्र था। (अज़रेल अहजै का पुत्र था। अहजै का पिता मशिल्लेमोत था। जो इम्मेर का पुत्र था), 14 अमशै और उसके साथी वीर योद्धा थे। वे संख्या में एक सौ चौबीस थे। (हग्गदोलीन का पुत्र जब्दिएल उनका अधिकारी हुआ करता था।)

15 ये वे लेवीवंशी हैं, जो यरूशलेम में जा बसे थे:

शमायाह जो हश्शूब का पुत्र था (हश्शूब अज्रीकाम का पुत्र और हुशब्याह का पोता था। हुशब्याह बुन्नी का पुत्र था)। 16 शब्बत और योजाबाद (ये दो व्यक्ति लेवीवंशियों के मुखिया थे। परमेश्वर के भवन के बाहरी कामों के ये अधिकारी थे)। 17 मत्तन्याह, (मत्तन्याह मीका का पुत्र था और मीका जब्दी का, तथा जब्दी आसाप का।) आसाप गायक मण्डली का निर्देशक था। आसाप स्तुति गीत और प्रार्थनाओं के गायन में लोगों की अगुवाई किया करता था बकबुकियाह (बकबुकियाह अपने भाइयों के ऊपर दूसरे दर्जे का अधिकारी था)। और शम्मू का पुत्र अब्दा (शम्मू यदूतन का पोता और गालाल का पुत्र था)। 18 इस प्रकार दो सौ चौरासी लेवीवंशी यरूशलेम के पवित्र नगर में जा बसे थे।

19 जो द्वारपाल यरूशलेम चले गये थे, उनके नाम ये थे:

अक्कूब, तलमोन, और उनके साथी। ये लोग नगर—द्वारों पर नजर रखते हुए उनकी रखवाली किया करते थे। ये संख्या में एक सौ बहत्तर थे।

20 इस्राएल के दूसरे लोग, अन्य याजक और लेवीवंशी यहूदा के सभी नगरों में रहने लगे। हर कोई व्यक्ति उस धरती पर रहा करता था जो उनके पूर्वजों की थी। 21 मन्दिर में सेवा आराधना करने वाले लोग ओपेल की पहाड़ी पर बस गये। सीहा और गिश्पा मन्दिर के उन सेवकों के मुखिया थे।

22 यरूशलेम में लेवीवंशियों के ऊपर उज्जी को अधिकारी बनाया गया। उज्जी बानी का पुत्र था। (बानी, मीका का पड़पोता, मत्तन्याह का पोता, और हशब्याह का पुत्र था)। उज्जी आसाप का वंशज था। आसाप के वंशज वे गायक थे जिन पर परमेश्वर के मन्दिर की सेवा का भार था। 23 ये गायक राजा की आज्ञाओं का पालन किया करते थे। राजा की आज्ञाएँ इन गायकों को बताती थीं कि प्रतिदिन क्या करना है। 24 वह व्यक्ति जो राजा को लोगों से सम्बन्धित मामलों में सलाह दिया करता था वह था पतहियाह (पतहियाह जेरह के वंशज मशेजबेल का पुत्र था और जेरह यहूदा का पुत्र था।)

25 यहूदा के लोग इन कस्बों में बस गये: किर्यतर्बा और उसके आस—पास के छोटे—छोटे गाँव, दिबोन और उसके आसपास के छोटे—छोटे गाँव, यकब्सेल और उसके आसपास के छोटे—छोटे गाँव, 26 तथा येशू, मोलादा, बेतपेलेत, 27 हसर्यूआल बेरशेबा तथा उस के आसपास के छोटे—छोटे गाँव 28 और सिकलग, मकोना और उसके आसपास के छोटे गाँव। 29 एन्निम्मोन, सोरा, यर्मूत, 30 जानोह और अदुल्लाम तथा उसके आसपास के छोटे छोटे गाँव। लाकीश और उसके आसपास के खेतों, अजेका और उसके आसपास के छोटे—छोटे गाँव। इस प्रकार बरशेबा से लेकर हिन्नैाम की तराई तक के इलाके में यहूदा के लोग रहने लगे।

31 जिन स्थानों में बिन्यामीन के वंशज रहने लगे थे, वे ये थे: गेबा मिकमश, अय्या, बेतेल, ओर उसके आस—पास के छोटे—छोटे गाँव, 32 अनातोत, नोब, अनन्याह 33 हासोर रामा, गित्तैम, 34 हादीद, सबोईम, नबल्लत, 35 लोद, ओनो तथा कारीगरों की तराई। 36 लेवीवंशियों के कुछ समुदाय जो यहूदा में रहा करते थे बिन्यामीन की धरती पर बस गये थे।

'नहेमायाह 11 ' not found for the version: Saral Hindi Bible.