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आसाफ क एक ठु भजन।

हे परमेस्सर, तू मौन जिन रहा! चुपचाप जिन रहा।
    हे सर्वसक्तिमान परमेस्सर,
    कृपा कइके सान्त जिन रहा।
हे परमेस्सर, तोहार दुस्मन तोहरे विरोध मँ सड्यंत्र रचत बाटेन।
    जउन तोहसे घिना करत हीं अहंकारी बन जात हीं।
उ पचे तोहरे मनवइयन क खिलाफ सडयंत्र रचत बाटेन।
    तोहार दुस्मन ओन लोगन क खिलाफ जउन तोहका पिआरा अहइँ सबइ जोजना बनावत अहइँ।
उ सबइ दुस्मन कहत अहइँ, “आवा, हम ओन लोगन क पूरी तरह मेट डाइ।
    तब कउनो भी मनई इस्राएल क नाउँ सुमिरन नाहीं करी।”
काहेकि इ सबहिं रास्ट्रन इकट्ठा होइके तोहरे विरोध मँ जोजना बनावत हीं।
    उ पचे तोहार खिलाफ एक ठ समझौता किहेन।
6-7 उ पचे इ सामिल परिवारन एदोमी, इस्माएली, मोआबी अउर हाजिरा क संतानन क पूतन,
    गबाली अउर, अम्मोनी, अमालेकी अउर पलिस्ती,
    अउर सूर क लोगन क परिवारन क इ सबइ लोग हम लोगन क खिलाफ जुद्ध करइ बरे एक जुट होइ गएन।
हिआँ तलक कि अस्सूरी भी ओन लोगन स मिल गएन।
    उ पचे लूत क संतानन क बहोत बलवान बनाएन।

हे परमेस्सर तू दुस्मनन क वइसेन हरावा जइसेन तू मिद्यानी लोगन क,
    सिसरा क, यार्बान क, किसोन नदी क लगे याबीन क हराया।
10 उ पचे एन्दोर मँ नास भएन।
    ओनकर ल्हासन धरती पइ पड़ी सड़त रहिन।
11 दुस्मनन क सेनापतियन क वइसेन हरावा जइसेन तू ओरबे अउ जायेब क संग किहे रह्या।
    ओकरे सेनापतियन क वइसेन हरावा जइसेन तू जेबह अउ सलमुन्ना क संग किहा।
12 हे परमेस्सर, उ सबइ लोग हम पचन क धरती
    तजइ क दबावइ चाहत रहेन।
13 मोर परमेस्सर ओनका तू उखड़ा भवा पौधा सा बनावा जेका आँधी उड़ाइ लइ जात ह।
    ओन लोगन क अइसेन बिखराइ द्या जइसे भूसा क आँधी बिखराइ देत ह।
14 दुस्मन क अइसेन बर्बाद करा जइसे वन क आगी बृच्छन क बर्बाद करत ह,
    अउर जइसेन जंगली आगी पहाड़न क बार डावत ह।
15 एह बरे ओनका आँधी क नाईं पाछा करा अउर ओनका कँपावा
    अउ फूँकिके उड़ा द्या जइसे कि आँधी करत ह।
16 हे यहोवा उ सबइ क लज्जा स भरि द्या
    कि लोग तोहरे बारे मँ जानइ बरे तोहका तलास करइँ।
17 हे यहोवा, ओन लोगन क भयभीत कइ द्या अउ ओन लोगन क हमेसा अपमानित करा,
    ताकि उ तिरस्कार मँ मरि जाइँ।
18 तउ उ पचे जनिहीं कि तू यहोवा अहा!
    अउर तू ही अकेल्ला सर्वोच्च परमेस्सर अहइ
    जउन सारे संसार पइ सासन करत अहा।