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मन्दिर क आरोहण गीत।

हे यहोवा, जइसे दाऊद यातना भोगे रहा, ओका याद करा।
मुला दाऊद यहोवा स एक सपथ लिहेस।
    दाऊद याकूब क सक्तिसाली परमेस्सर क एक मन्नत माने रहा।
दाऊद कहे रहा: “मइँ आपन घरे मँ तब तलक न जाब,
    आपन बिछउना पइ न ही ओलरब, न ही सोउब।
मइँ आपन आँखिन क नाहीं सोवइ देब।
    अउर आपन पलकन क बन्द नाहीं होइ देब।
एहमाँ स मइँ कउनो बात भी नाहीं करब जब तलक मइँ यहोवा बरे एक घर न प्राप्त कइ लेउँ।
    मइँ याकूब क सक्तिसाली परमेस्सर बरे एक ठु मन्दिर पाइ क रहब।”

एप्राता मँ हम दाऊद क वचन क बारे मँ सुनेउँ।
    हमका किरीयथ योरीम क वन मँ करार क सन्दूख मिली रही।
आवा, पवित्तर तम्बू मँ चला।
    आवा, ओकरे सिंहासन क समन्वा आराधना करी।
हे यहोवा, आपन आराम क जगह स उठा,
    अउ करार क सन्दूख संग होआ जहाँ तू सक्ति क संग सासन करत ह।
हे यहोवा, तोहार याजक धरम क भावना क धारण किया करी।
    तोहर बिस्सासी भगतन बहोत खुस रहीं।
10 तू आपन चुने भए राजा क आपन सेवक दाऊद क भले बरे
    जिन अस्वीकार करा।
11 यहोवा दाऊद क एक वचन दिहेस ह जेका उ कबहुँ नाहीं तोड़िही।
    उ वचन दिहस ह कि दाऊद क बंस स राजा अइहीं।
12 यहोवा कहे रहा, “अगर तोहार संतानन मोर करार पइ अउर मइँ ओनका जउन सिच्छन सिखाइन ओन पइ चलिहीं
    तउ फुन तोहरे परिवार क कउनो न कउनो सदा ही राजा रही।”

13 आपन मन्दिर क जगह बरे यहोवा सिय्योन क चुने रहा।
    इ उ जगह अहइ जेका उ आपन भवन बरे चाहत रहा।
14 यहोवा कहे रहा, “इ मोर जगह सदा-सदा बरे होइ।
    मइँ एका आपन जगह पइ रहइ बरे चुनेउँ ह।”
15 भरपूर भोजन स मइँ इ सहर क आसीर्बाद देब,
    हिआँ तलक कि गरीब लोगन क लगे खाइ क भरपूर होइ।
16 ओकरे याजकन क उद्धार क मइँ ओढ़ना पहिराउब।
    मोर भगत बहोत खुस होइहीं।
17 इ जगह पइ मइँ हिआँ दाऊद क परिवार क सुदृढ करब।
    मइँ आपन चुने भए राजा क एक दीपक स्थापित करब।
18 मइँ दाऊद क दुस्मनन क लज्जा स ढाँपि देब।
    अउर दाऊद क राज्ज क चमकाउब।