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संगीत निर्देसक बरे उ समइ क एक ठु कलात्मक। जब एदमी दोएग साऊल क लगे आइके कहे रहा, दाऊद अबीमेलेक क घरे मँ अहइ।

अरे ओ, बड़का मनई! तू काहे सेखी बघारत अहा जउन बुरे करमन क तू करत अहा?
    तू लगातार परमेस्सर क अपमान करत अहा।
तू मूरखता भरा कुचक्र रचत अहा।
    तोहार जीभ वइसी ही भयानक अहइ, जइसे तेज उस्तरा होत ह।
    काहेकि तोहार जीभ झूठ बोलत रहत ह!
तोहका नेकी स जियादा बदी भावत ह।
    तोहका झूठ क बोलब, फुरइ बोलइ स जियादा भावत ह।

तोहका अउ तोहरी झूठी जीभ क, लोगन क हानि पहोंचाउब नीक लागत ह।
तोहका परमेस्सर सदा बरे नस्ट कइ देइ।
    उ तोह पइ झपटी अउर तोहका धरिके घरे से बाहेर करी।
    उ तोहका मारी अउ तोहार कउनो भी संतान नाहीं रही।

सज्जन लोग ऍका लखिहीं
    अउ परमेस्सर स डेराब अउर ओकर आदर करब सिखिहीं।
उ पचे तोह पइ, जउन घटा ओह पइ हँसिहीं अउर कइहीं,
    “लखा उ मनई क संग का भवा जउन यहोवा पइ निर्भर नाहीं रहा।
    उ मनई सोचेस कि ओकर धन अउर झूठ ऍकर रच्छा करिहीं।”

मुला मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ एक ठु हरिअर जइतून क बृच्छा जइसा अहउँ।
    मोर परमेस्सर क बिस्सासी पिरेम मँ सदा-सदा बरे भरोसा अहइ।
हे परमेस्सर, मइँ ओन कामे क बरे जेनका तू किह्या हमेसा स्तुति करब।
    मइँ तोहरे बिस्सासी मनइयन क समन्वा तोहरे नाउँ क घोसना करब।