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“नास जिन करा” धुन पइ संगीत निदेर्सक बरे दाऊद क एक ठु कलात्मक।

निआवधीसो, तू पचे पच्छपात रहित नाहीं रह्या।
    तू लोगन क निआउ निज निर्णयन मँ निस्पच्छ नाहीं करत अहा।
नाहीं, तू पचे तउ सिरिफ बुरी बातन ही सोचत अहा।
    इ देस मँ तू पचे हिंसा स भरा अपराध करत अहा।
उ सबइ दुट्ठ लोग जइसे ही पइदा होत हीं, बुरे कामन क करइ लग जात हीं।
    उ पचे पइदा होत ही झूठ बोलइ लग जात हीं।
उ पचे उ भयानक साँप अउ नाग जइसे होत हीं, जउन सुन नाहीं सकत।
    उ सबइ दुट्ठ जन भी आपन कान सच्चाई स मूँद लेत हीं।
बुरे लोग वइसे ही होत हीं जइसे सँपेरन क गीतन क
    या ओनकर संगीतन क करिया नाग सुन नाहीं सकत।

हे यहोवा! उ सबइ लोग अइसेन होत हीं जइसे सिंह।
    एह बरे हे यहोवा, ओनकर दाँत तोड़ा।
जइसे बहत जल लुप्त होइ जात ह, वइसेन ही उ सबइ लोग लुप्त होइ जइहीं।
    अउर जइसे राह क उगी भइ दूब कुचर दीन्ह जात ह, वइसेन उ सबइ भी कुचरि दीन्ह जइहीं।
उ सबइ घोंघा क नाई होइँ जउन चलइ मँ गल जात हीं।
    उ सबइ उ गदेला क नाई होइँ जउन मरा ही पइदा भवा, जउन दिन क प्रकास कबहुँ नाहीं लखेस।
उ सबइ उ बाड़े क काँटन क तरह हाली ही बरबाद होइँ,
    जउन आगी पइ चढ़ी भइ हाँड़ी गरमावइ बरे हाली जरि जात हीं।

10 जब सज्जन ओन लोगन क सजा पावत लखत ह
    जउन ओकरे संग बुरा किहेन ह,
उ खुस होत ह।
    उ आपन गोड़ ओन दुट्ठन क खून मँ धोइ।
11 जब अइसा होत ह, तउ लोग कहइ लागत हीं, “सज्जनन क ओनकर फल निहचय मिलत ह।
    फुरइ परमेस्सर जगत क निआउ कर्ता अहइ।”