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उत्तर इस्राएल क चितउनी

28 सोमरोन क लखा।
    एप्रैम क मदमस्त लोग उ नगर पइ गर्व करत हीं।
उ नगर पहाड़ी पइ बसा ह जेकरे चारिहुँ कइँती एक संपन्न घाटी अहइ।
    सोमरोन क वासी इ सोचा करत हीं कि ओनकर सहर फूलन मुकुट जइसा अहइ।
किन्तु उ पचे दाखरस स धुत्त अहइँ
    अउर इ “सुन्नर मुकुट” मुरझाए पौधा स अहइ।

लखा, मोर सुआमी एक मनई क चुनेस ह जउन मज़बूत अउर वीर अहइ।
    उ व्यक्ति इ देस मँ इ तरह आइ जइसे ओलन अउ बर्खा क तूफ़ान आवत ह।
उ देस मँ इ तरह आइ जइसे बाढ़ आवा करत ह।
    उ समारिया क धरती पइ फेंकी।
नसे मँ धुत्त एप्रैम क लोग आपन “सुन्नर मुकुट” पइ गर्व करत हीं
    किन्तु उ नगरी गोड़े तले रौंदी जाइ।
उ नगर पहाड़ी पइ बसा अहइ जेकरे चारिहुँ कइँती एक सम्पन्न घाटी अहइ।
    किन्तु उ “फूलन क सुन्नर मकुट” बस एक मुरझात भवा पौंधा अहइ।
उ नगर गर्मी मँ अंजीर क पहिले फले क समान होई।
    जब कउनो उ पहली अंजीर क लखत ह तउ हाली स तोड़के ओका चट कइ जात ह।

उ समय, सर्वसक्तीमान यहोवा, “सुन्नर मकुट” बनी। उ ओन बचे भए आपन लोगन बरे “फूलन क सानदार मकुट” होइ। फुन यहोवा ओन निआव क अर्धासन क बुद्धि प्रदान करी जउन ओकर आपन लोगन क सासन करत हीं। नगर दुआरन पइ जुद्धन मँ लोगन यहोवा सक्ति देइ। किन्तु अबहिं उ सबइ मुखिया लोग मदमस्त अहइँ। याजक अउ नबी सबहिं दाखरस अउर सुरा स धुत्त अहइँ। उ सबइ लड़खड़ात अहइँ अउर खाले भहराइ पड़त अहइँ। नबी जब आपन सपनन लखत हीं। निआव क अधीस जब निआव करत हीं तउ उ पचे नसे मँ बूड़े भए होत हीं। हर खाइ क मेज उल्टी स भरी भइ अहइ। कहूँ भी कउनो स्वच्छ ठउर नाहीं रहा अहइ।

परमेस्सर आपन लोगन क सहायता करइ चाहत ह

उ पचे कहा करत हीं, इ मनई कउन अहइ? इ केका सिच्छा देइ क कोसिस करत अहइ? उ आपन सँदेसा केका समुझावत अहा? का ओन बच्चन क जेनकर अबहिं-अबहिं दूध छोड़ॅवा गवा अहइ? का ओन बच्चन क जेनका अबहिं अबहिं आपन महतारियन क छाती स दूर कीन्ह गवा ह 10 एह बरे यहोवा ओनसे इ तरह बोलत ह जइसे उ पचे दुधमुहाँ बच्चन होइँ।

“सौ लासौ सौ लासौ
काव लाकाव काव लाकाव
ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”[a]

11 फिन यहोवा ओन लोगन स बात करी ओकर होंठ कॉपत भए होइहीं अउर उ ओन लोगन स बातन करइ मँ दूसर विचित्र भाखा प्रयोग करी।

12 यहोवा पहिले ओन लोगन स कहे रहा, “हिआँ विस्राम क एक ठउर अहइ। थके माँदे लोगन क हिआँ आवइ द्या अउर विस्राम पावइ द्या। इ सान्ति क ठउर अहइ।”

किन्तु लोग परमेस्सर क सुनइ नाहीं चाहेन। 13 तउ परमेस्सर क बचन कउनो विचित्र भासा क जइसे होइ जइहीं।

“सौ लासौ सौ लासौ
काव लाकाव काव लाकाव
ज़ेइर साम ज़ेइर साम।”

तउ लोग जब चलिहीं तउ पाछे कइँती लुढ़क जइहीं अउर जख्मी होइहीं। लोगन क फँसाइ लीन्ह जाइ अउर उ पचे धरा जइहीं।

परमेस्सर क निआव स कउनो नाहीं बच सकत

14 हे, यरूसलेम क आग्या क नाहीं मानइवाले अभिमानी मुखिया लोगो, तू यहोवा क सँदेसा सुना। 15 तू लोग कहत अहा, “हम मउत क संग एक वाचा कीन्ह ह। सेओल (मौत क पहँटा) क संग हमार एक अनुबंध अहइ। एह बरे हम दण्डित नाहीं होब। दण्ड हम पचन्क नोस्कान पहोंचाए बगैर हमरे पास स निकरि जाइ। आपन चालाकियन अउर आपन झूठन क पाछे हम पचे लुकाइ जाबइ।”

16 एन बातन क कारण मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ एक पाथर एक ठु कोने क पाथर सिय्योन मँ धरती पइ गड़ब। इ एक अत्यन्त मूल्यवान पत्थर होइ। इ बहोत महत्वपूर्ण पाथर पई ही हर कउनो वस्तु क निर्माण होइ। जेहमाँ बिस्सास होइ, उ कबहुँ घबराई नाहीं।

17 “लोग देवारे क सोझ लखइ बरे जइसे सूत डाइके लखत हीं, वइसे ही मइँ जउन उचित अहइ ओकरे बरे निआव अउर खरेपन क प्रयोग करब। तू दुट्ठ लोग आपन झूठ अउर चालाकियन बरे आपन क छुपावइ क जतन करत अहा, किन्तु तोहका दण्ड दीन्ह जाइ। उ दण्ड अइसा ही होइ जइसे तोहरे सबन्क छुपावइ क ठउरन क नस्ट करइ बरे कउनो तूफान या कउनो बाढ़ आवत होइ। 18 मउत क साथे तोहरे वाचा क मेट दीन्ह जाइ। अधोलोक क संग भई तोहार संधि भी तोहार मदद नाहीं करी।

“जब खउफनाक सजा तोहे सबन पइ पड़ी तू पचे कुचरा जाब्या। 19 उ हर दाई जब आई तू पचन्क हुवाँ लइ जाइ। तोहार पचन्क सजा भयानक होइ। तू पचन्क भिन्सारे दर भिन्सारे अउर दिन रात सजा मिली।

“जब तू पचे इ कहानी क समुझब्या: 20 कउनो मनसेधू एक अइसे बिछउना पइ सोवइ क जतन करत रहा जउन ओकरे बरे नान्ह रहा। ओकरे लगे एक कंबल रहा जउन एतना चौड़ा नाहीं रहा कि ओका ढाक लेइ। त उ बिछउना अउर उ कम्बल ओकरे बरे बियर्थ रहेन अउर लखा तोहार वाचा भी तोहरे सबन्क बरे अइसा रही।”

21 यहोवा वइसे ही जुद्ध करी जइसे उ पराजीम नाउँ क पहाड़ पइ किहे रहा। यहोवा वइसे ही कोहाइ जाइ जइसे उ गिबोन क घाटी मँ भवा रहा। तब यहोवा ओन कामन क करी जउन ओका निहचय ही करइ क अहइँ। यहोवा कछू बिचित्र काम करी। किन्तु उ आपन काम क कर देइ। ओकर काम कउनो एक अजनबी क काम अहइ। 22 अब तू पचन्क इ सबइ बातन क मजाक नाहीं उड़ाइ चाही। जदि तू पचे अइसा करब्या तउ तोहार पचन्क बन्धन क रस्सियन अउर जियादा कस जइहीं।

सर्वसक्तीमान यहोवा इ समूचे प्रदेस क नस्ट करइ क ठान लिहस ह। जउन सब्द मइँ सुने रहेउँ, अटल अहइँ। तउ उ सबइ बातन जरूर घटिहीं।

यहोवा खरा दण्ड देत ह

23 जउन सँदेसा मइँ तू पचन्क सुनावत हउँ, ओका धियान स सुना। 24 का कउनो किसान आपने खेते क हर समय जोतत रहत ह नाहीं। का उ माटी क हर समय सँवारत रहत ह नाहीं। 25 किसान आपन धरती क तइयार करत ह, अउर फुन ओहमाँ बिआ अलग-अलग डावत ह। किसान अलग-अलग बीजन क रोपाई, ढंग स करत ह। किसान सौंफ क बिआ बिखेरत ह अउर एक किसान कठिए गोहूँ क बोवत ह। एक किसान खास जगह पइ अउ लगावत ह। एक किसान कठिए गोहूँ क बिअन क खेत क मेंड पइ लगावत ह।

26 ओकर परमेस्सर ओका सिच्छा देत ह अउर अच्छे तरह स ओका निर्देस देत ह। 27 का कउनो किसान तेज दाँतदार तखन क प्रयोग सौंफ क दानन क गहावइ बरे करत ह नाहीं। का कउनो किसान जीरा क गहावइ बरे कउनो छकड़े क प्रयोग करत ह नाहीं। एक किसान इ मसालन क बीअन क छिलका उतारइ बरे एक नान्ह स कुबरी क प्रयोग ही करत ह। 28 लोगन क रोटी बनावइ बरे अनाज क पीसइ परी, किन्तु उ पचे लगातार अनाज जिन पीसत रहतेन। एक किसान अनाज क दलइ क बरे अनाज दलइ क पहिया अनाजे पइ फिराइ क परी, किन्तु ओका अनाजे क रौंदइ बरे घोड़न क समूह क जरूरत नाहीं परी! ठीक इहइ तरह, परमेस्सर आपन लोगन क लगातार सज़ा नाहीं देत ह! 29 सर्वसक्तिमान यहोवा स इ पाठ मिलत ह। यहोवा अद्भुत सलाह देत ह। यहोवा फुरइ बहोत बुद्धिमान अहइ।

Footnotes

  1. 28:10 सो लासौ … जेइर साम साँझ इ साइद कउनो हिब्रू गीत अहइ। इ गीत क जरिये बच्चन क लिखब सिखावा जात रहा। गीत क अनुवाद इ सब्दन मँ कीन्ह जाइ सकत ह: “एक आग्या हिआँ एक आग्या हुँवा, एक नेम हिआँ एक नेम हुवाँ, एक पाठ हिआँ एक पाठ हुवाँ।”