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पाँच हजार स जियादा मनइयन क भोजन

(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; लूका 9:10-17)

ओकरे बाद ईसू गलील क झील यानी कि तिबिरियास क दूसरे पार चला गवा। अउर ओकरे पाछे पाछे बहुत बड़ी भीड़ चल दिहेस, काहेकि उ सब तमाम मरीजन क नीक होत समइ तमाम अचरज भरा चीन्हन देखे रहेन्ह। ईसू पहाड़ प चला गवा अउर हुँवा अपने चेलन क साथ बइठ गवा। यहूदियन क फसह क त्यौहार निचके रहा।

जबहीं ईसू आँख उठाइके देखेस कि एक बहुत बड़ी भीड़ ओकरी तरफ चली आवत अहइ तउ उ फिलिप्पुस स पूछेस, “इ सब लोगन्हे क खइया खियावइ क बरे रोटी कहाँ स खरीदी जाइ सकत ह?” (ईसू इ बात ओकर परीच्छा लेइ क बरे पूछेस, उ तउ जानत रहा कि उ क करइ जात अहइ।)

फिलिप्पुस जवाब दिहेस, “दुई सौ चाँदी क सिक्कन स ऍतनी रोटी न मिली कि सब मनई क एक टुकड़े स तनिकउ जियादा मिल सकइ।”

ईसू क एक दूसर चेला समौन पतरस क भाई अन्द्रियास कहेस, “हियाँ एक नान्ह क लरिका क लगे पाँच ठु जौ क रोटी अउर दुइ ठु मछरी अहइँ, मुला खाइवाले तउ बहुत जियादा मनई अहइँ ओनके बरे इ बहुत कम अहइ।”

10 ईसू जवाब दिहेस, “सब लोगन्ह क बैठावा।” उ जगह प अच्छी खासी घास रही सब मनई हुवाँ बइठ गएन उ सब कुल मिलाइके करीब पांच हजार मनई रहेन्ह।

11 फिन ईसू रोटी लिहेस, अउर हुवाँ बइठे भए मनइयन क आवस्यकतानुसार सुक्रिया दइके रोटी परोस दिहेस। इहइ तरह जेतना उ सब जेतना चाहत रहेन, ओतनी मछलियन ओनका दइ दिहेस।

12 जब ओनके सबके पेट भरि गएन तउ ईसू अपने चेलन स कहेस, “जउऩ टुकड़ा बचा अहइँ, ओनका बटोर ल्या जइसे उ बेकार स बरबाद न होइँ।” 13 फिन चेलन लोगन क परोसी गइ जो क पांच रोटियन क बचे भएन टुकड़न स बारह टोकरी भरि दिहसे।

14 ईसू क ऍतना अद्भुत कराज क देखिके सब मनइयन कहइ लागेन, “जरूर इ मनई उहइ नबी अहइ जेका इ दुनियाँ मँ आवइ क रहा।”

15 ईसु जब इ जानेस कि लोग आवइवाला अहइँ अउर ओनका लइ जाइके राजा बऩावा चाहत अहइँ, तउ उ अकेलेही पहाड़ प चला गवा।

ईसू क पानी प चलब

(मत्ती 14:22-27; मरकुस 6:45-52)

16 जब साँझ क बेला भइ अउर ओनके सब चेलन झील प चला गएन 17 अउर एक ठु नाव प बइठके वापस झील क पार कफरनहूम क तरफ चला गएन। मजे क अंधेरा होइ ग रहा, मुला ईसू अबहीं तलक लौटिके ओनके सबन क पास नाहीं आवा रहा। 18 तूफानी हवा बहत रही जेकरे कारण झील मँ लहर खूब तेज होत रहिन्ह। 19 जब उ पचे करीब पांच-छ: किलोमीटर आगे चला गएन तउ देखेन कि ईसू झील प चलत अहइ अउर नाव क पास आवत रहा। इ देखिके उ पचे डेराइ गएन। 20 मुला ईसू ओन सबसे कहेस, “इ मइँ अहउ, डेरा जिन।” 21 फिन उ पचे ओका जल्दी स नाव प चढ़ाइ लिएन्ह अउर नाव जल्दी स हुवाँ पहुँच गइ जहाँ ओका जाइ क रहा।

ईसू क खोज

22 दूसरे दिन सब मनइयन क भीड़ जउन झील क पार बच गइ रही, इ देखेस कि हुवाँ एक ठु नाव अकेले रही अउर अपने चेलन क साथ ईसू उ नाव प नाहीं सवार भवा बल्कि ओकर चेलन अकेल्ले ही रवाना भएन। 23 तिबिरियास क कई ठु नाव उ जगह प आइके रूकिन जउने जगह प उ पचे पर्भू क धन्यबाद दिहे क बाद रोटी खाए रहेन। 24 इ तरह जब उ भीड़ देखेस कि न तउ हुवाँ ईसू अहइ अउर न तउ ओनकइ चेलन अहइँ, तउ उ पचे नाव प चढ़िके अउर ईसू क दूँढ़त कफ़रनहूम क तरफ चल पड़ेन।

ईसू जीवन क रोटी

25 जब उ पचे ईसू क झील क दूसरे पार पाएन तउ ओसे कहेन, “हे गुरू, तू हियाँ कब आया?”

26 ऍकरे जबाव मँ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच्ची बात बतावत अहउँ, तू पचे मोका इ बरे नाहीं खोजत अहा कि तू सब अदभुत कारजन देखे अहा, मुला तू पचे इ बरे मोका दूँढ़त अहा, काहेकि तू सब पेट भरिके रोटी खाए अहा। 27 उ खाना क बरे मेहनत न करइ चाही जउन खराब होइ जाइ मुला ओकरे बरे जतन करइ चाही जउन हमेसा उत्तिम बना रहत ह अउर अनन्त जीवन देत ह, जउन तोहका सबक मनई क पूत देई। काहेकि परमपिता ओका मानके आपन मोहर ओह पइ लगाइ दिहे अहइ।”

28 मनइयन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क कारज क बरे हम सब का करी?”

29 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “जउन परमेस्सर चाहत ह कारज इ अहइ कि तू पचे ओह पइ बिसवास करा जेहिका उ भेजे अहइ।”

30 तउ उ पचे ओसे कहेन, “फिन तू कउन स अद्भुत कारज देखॉवत अहा जेहिका देखिके हम तोह पर बिसवास करी? तू कउन स कारज देखॉवत अहा? 31 हमार पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना[a] खाएन, जइसे कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, ‘परमेस्सर ओनका खाइ क बरे सरग स रोटी दिहेस।’(A)

32 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ कि मूसा नाहीं, मुला मोर परमपिता तोहका सरग स सच्ची रोटी देत ह। 33 उ रोटी जउन परमेस्सर देत ह, उ सरग स उतरी अहइ, अउर इ संसार क जीवन देत ह।” 34 तउ उ पचे ओसे कहेन, “हे पर्भू, अब हम पचे क उ रोटी द्या अउर हमेसा देत रहा।”

35 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत। 36 मइँ तोह सबन क पहले स बताइ चुका अहउँ कि तू मोका देख लिए अहा, तबहूँ मोहमाँ बिसवास नाहीं करत्या। 37 एक एक मनई जेहिका परमपिता मोका सौंपे अहइ, मोरे पास आई जउन मोरे पास आवत ह, मइँ ओका कबहूँ न लौटाउब। 38 मइँ सरग स अपनी मर्जी स काम करइ नाहीं आइ अहउँ, मइँ तउ ओकर मरजी क पूरा करइ आइ बाटेउँ, जउन मोका हिआँ भेजे अहइ। 39 अउर उ भेजइवाले क इच्छा इ बाटइ कि जेका जेका उ मोका सौपे अहइ, ओहमाँ म एकउ क न खोइ देउँ अउर आखिरी दिन ओनका सबका जिन्दा कइ देउँ। 40 इहइ मोरे परमपिता क इच्छा अहइ कि हर एक मनई जउन पूत क देखत ह अउर ओहमाँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पाई अउर आखिरी दिन मइँ ओका जियाइ देइ।”

41 इ सुनिके यहूदियन ईसू प बड़बड़ाय लागेन, काहेकि उ कहत रहा, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन सरग स उतरी अहउँ।” 42 अउर उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क पूत ईसू न अहइ का हम एनके महतारी बाप क नाहीं जानित? फिन इ कइसे कहत बा कि ‘मइँ सरग स उतरा हउँ’?”

43 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “एक दूसरे प बड़बड़ाब छोड़ द्या, 44 मोरे लगे तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तक मोका भेजइवाला परमपिता ओका मोरे तरफ न खींचइ। मइँ आखिरी दिन ओका फिन जियाइ देब। 45 नबियन लिखे अहइँ, ‘अउर उ सब परमेस्सर दवारा सिखावा भए होइहीं।’(B) 46 जउन मनई परमपिता क सुनत ह, अउर ओसे सीखत ह, मोरे पास आवत ह। मुला सच-सच जेहिका परमपिता भेजे अहइ, ओका छाँड़िके कउनो नाहीं लखे अहइ। परमपिता क बस उहइ लखे अहइ।

47 “मइँ तोहसे सच-सच कहत बाटेउँ कि जउन मनई बिसवास करत ह उ अनन्त जीवन पावत ह। 48 मइँ उ रोटी अहउँ जउऩ जीवन देत ह। 49 तोहार पचेन्क पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाए रहेन्ह तबहूँ उ पचे मरि गएन। 50 इ उ रोटी अहइ जउन सरग स उतरत ह जउने कि मनई ओहमाँ स खात ह उ न मरी। 51 जीवन क रोटी जउन सरग स उतरी अहइ, उ मइँ अहउँ। जउऩ मनई इ रोटी खाई, उ हमेसा जीवित रही, अउर जउऩ रोटी मइँ दुनिया क जिन्नगी क बरे देब, उ मोर माँस अहइ। इहइ संसार जिअत रही।”

52 इ सुनिके यहूदियन आपस मँ झगड़ा करइ लागेन कि “कइसे इ मनई हम पचेन्क आपन माँस खाइ क बरे देत ह?”

53 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच-सच कहत अहउँ, जब तक तू पचे मनई क पूत क माँस न खाब्या अउर ओकर लहू न पीब्या, तब तक तोहरे मँ असली जीवन नाहीं आई। 54 जउन मोर माँस खात ह अउर हमार लहू पियत ह, अनन्त जीवन उहइ पावत ह अउर आखिरी दिन ओका मइँ फिन जीवित करि देब। 55 काहेकि मोर माँस सब खाइवाली चीज अहइ अउर मोर लहू सच-सच पियइवाली चीज अहइ। 56 जउन मोर माँस खात ह अउर मोर लहू पियत ह, उ मोरे मँ रहत ह अउर मइँ ओहमाँ समाइ जाइत हउँ।

57 “इ बात बिल्कुल उहइ तरह अहइ कि जइसे जिअत-पिता मोका भेजे अहइ, अउर उहइ परमपिता क कारण मइँ जीवित अहउँ ठीक उहइ तरह जउन मनई खात रही, उ मोरे कारण जीवित रही। 58 इ उहइ रोटी अहइ जउन सरग स उतरी अहइ। इ रोटी वइसे नाहीं अहइ जइसे मोरे पचे क पूर्वजन खाए रहेन। अउर बाद मँ उ सब मरि गएन। जउन मनई इ रोटी क खात रही, उ हमेसा जिन्दा रही।”

59 ईसू इ सब बात कफरनहूम आराधनालय मँ सिच्छा देत कहे रहा।

अनन्त जीवन क उपदेस

60 जब ईसू क चेलन क इ बात पता चली तउ उ कहेन्ह, “इ सिच्छा बहुतइ कठिन अहइ, एका कउन सुनि सकत ह?”

61 ईसू क खुदइ पता चलि गवा रहा कि ओनके चेलन क उपदेस क बारे मँ सिकायत रही। एह बरे उ ओनसे कहेस, “का इ उपदेस तोहका ठेस पहुँचावत ह? 62 अइसी बात अहइ कि तउ तोहका अगर मनई क पूत क जहाँ उ पहिले रहा, हुवाँ फिन लौटत देखइ क पड़इ तउ का होई? 63 आतिमा उहइ अहइ जउन जीवन देत ह। सरीर क कउनो उपयोग नाहिं बाटइ। जउन बात मइँ तोहसे कहे बाटेउँ, उहइ आतिमा अहइ अउर उहइ जीवन देत ह। 64 मुला तोहरे पचे क बीच मँ कछू मनई अइसे अहइँ, जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन।” (ईसू तउ सुरू मँ इ जानत रहा कि उ पचे कउन मनई अहइँ, जउन बिसवास नाहीं करत अहइँ अउर उ मनई कउन बा जउन ओका धोखा देइ।) 65 ईसू फिन कहेस, “इहइ बरे मइँ तोहसे कहे अहउँ, ‘मोरे पास तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तलक कि परमपिता ओका मोरे पास आवइ क इजाजत न देइ।’”

66 इहइ कारण रहा कि ईसू क ढेर चेलन लौट गएऩ। अउर फिन कबहूँ ओकरे पाछे नाहीं चलेन।

67 फिन ईसू अपने बारहु प्रेरितन स कहेस, “का तू पचे भी जाइ चाहत अहा?”

68 समौन परतस जवाब दिहेस, “पर्भू हम पचे केहिके लगे जाइ? उ सब्दन तउ तोहरे लगे अहइँ जउन अनन्त जीवन देत ही। 69 अब हम पचे तोह पर बिसवास करित ह अउर हम जानित ह कि तू सबसे पवित्तर अहा जेहिका परमेस्सर भेजे अहइ।”

70 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “का तोहका बारहु प्रेरितन का मइँ नाहीं चुने अहउँ। मुला तोहरे बीचे मँ एक ठु सइतान अहइ।” 71 उ समौन इस्करियोती क बेटवा यहूदा क बारे मँ कहत रहा, जउन ईसू क धोखा देइवाला रहा। बारह प्रेरितन मँ उहइ एक रहा।

Footnotes

  1. 6:31 मन्ना एक प्रकार क स्वर्गिक खाना जिसे परमेस्सर मूसा क समइ यहूदियन क बनवास क दिनन मँ रेगिस्तान मँ दिहे रहा।