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36 “यहोवा आपन जन क निआव करि।
    उ पचे ओकर सेवक अहइँ, उ दयालु होइ।
उ ओकरे बल क मिटाइ लखिहीं
    तउ उ ओन सबहिं अजाद
    अउ दासन क होत लखी असहाय।

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