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कास, तू मोर सिसु भाइ होत्या, मोर महतारी क छाती क दूध पिअत भए।
    अगर मइँ तोहसे हुवँइ बाहेर मिल जाइत
तउ तोहार चुम्बन मइँ लइ लेतेउँ,
    अउर कउनो मनई मोर निन्दा नाहीं कइ पावत।
तोहका मइँ आपन महतारी क घरे मँ लइ अवतेउँ
    जहाँ तू मोका सिच्छा देइ सकतेउँ।
मइँ तोहका पिअइ बरे,
    आपन मिस्रित अनारे स निकरा भवा दाखरस देतेउँ।

मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे

ओकर बाँया हाथ मोरे मूँड़े क छुअत ह,
    अउर ओकर दाहिन हाथ मोरे सरीर क छुअत ह।

मइँ तोहका चेताउनी देत हउँ हे यरूसलेम क कुँवरियन:
    पिरेम क जिन जगावा
    अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ!

यरूसलेम क बिटियन क बचन

इ कउन अहइ जउन आपन प्रियतम स लपटा भवा,
    रेगिस्तान स चली आवत ह?

मेहरारू क बचन मनसेधू बरे

मइँ तोहका सेब क बृच्छ क खाले जगाए रहेउँ;
    हुवाँ तोहार महतारी तोहका गरभ मँ धरेस;
    हुवाँ तोहार मताहरी तोहार बरे प्रसव-पीड़ा सहेस अउर तोहार जनम भवा।
मोका तू आपन हिरदय मँ महर क नाई धरा।
    ताबजि क समान मोका आपन बाँहे बांध ल्या।
काहेकि पिरेम मउत क जइसा मज़बूत अहइ।
    भावना कब्र क नाईं तेज होत ह।
एकर चिंगारी आग क लपटन क नाईं होत ह।
    एकर धधक धधकत भइ लपटन स होइ जात ह।
बाढ़ पिरेम क नाहीं बूझाइ सकत।
    नदियन एका नीचा नाहीं कइ सकत।
अगर कउनो मनई पिरेम आपन सारा धन देकर खरीदइ चाही,
    तउ पर भी ओकर धन बेकार ही समुझा जाब।

ओकरे भाइयन क बचन

हमार एक छोटकी बहिन अहइ,
    जेकर चूची अबहिं फूटी नाहीं।
हमका का करइ चाही
    जउने दिन ओकर सगाई होइ?

अगर उ देवार अहइ तउ
    मइँ ओह पइ चाँदी क मीनार बनाइ देब।
अगर उ दुअर अहइ
    तउ मइँ ओकरे पइ देवदारू क मुल्यवान पल्ला लगाइ देब।

ओकर आपन भाइयन क जवाब

10 मइँ परकोट हउँ
    अउर मोर चूची गुम्बद जइसे अहइँ।
    तउ मइँ ओकरे बरे सान्ति क दाता हउँ।

मनसेधू क बचन

11 बाल्हामोन मँ सुलैमान क अंगूरे क बगिया रही।
    उ आपन बाग क रखवारी बरे दइ दिहस।
हर रखवारा ओकरे फलन क बदले मँ
    चाँदी क एक हजार सेकेल लिआवत रहा।

12 मुला सुलैमान, मोर आपन अंगूर क बाग मोरे बरे अहइ।
    हे सुलैमान, मोरी चाँदी क एक हजार सेकेल सब तू ही रख ल्या,
    अउर इ सबइ दुइ सौ सेकेल ओन लोगन बरे अहइँ। जउन खेतन मँ फलन क रखवारी करत हीं।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

13 तू जउन बागे मँ रहति अहा,
    मोरे मित्र तोहार आवाज़ धियानपूवर्क सुनत अहइँ;
    मोका भी सुनइ दया!

मेहरारू क बचन मनसेधू बरे

14 मोर प्रियतम, हाली आवा!
    महकत द्रव्यन क पहाड़े पइ चिकारे या जवान हरिन जइसा बनि जा!