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आपन सुभाव जिन तजा

(मत्ती 5:13; मरकुस 9:50)

34 “नोन उत्तिम अहइ मुला जदि ओकर स्वाद बिगर जाइ तउ ओका फिन स नमकीन नाहीं बनावा जाइ सकता। 35 न तउ उ माटी क लायक नही अउर न पाँस क कूड़ा क। मनई सिरिफ ओका यूँ ही बहाइ देइहीं।

“जेकरे लगे सुनइ क कान अहइँ, ओका सुनइ द्या!”

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