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13 “कउनो भी नउकर दुइ मालिक क सेवा नाहीं कइ सकत। उ या तो एक स घिना करी अउर दूसर स पिरेम या उ एक क बरे न्यौछावर करी अउर दूसर क दुरियाई। तू धने अउर परमेस्सर दुइनउँ क सेवा एक संग नाहीं कई सकत्या।”

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