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24 “उ दिनन मँ दारून कस्ट क समइ क पाछे:

‘सूरज करिया पड़ि जाई,
    चंदा स ओकर चाँदनी न निकसी।
25 अकास स तारे टूटइ लगिहीं,
    अउर अकासे मँ बड़वार सक्ती झकाझोरि दीन्ह जइहीं।’ (A)

26 “तब्बइ मनइयन मनई क पूत क महासक्ती अउर महिमा क संग बदरवन मँ निहरिही। 27 फिन उ आपन दूतन क पठइके चारहु दिसा मँ धरती क छोरे स दूसर छोरे तक सब कइँती स आपन चुना भवा मनइयन क जमा करी।

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