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परमेस्सर क व्यवस्था मनई क नियम ते बड़ा अहइ

(मत्ती 15:1-20)

तबहिं कछू फरीसियन अउर कछू धरमसास्तिरियन जउन यरूसलेम स आएन ओनके चारिहुँ कइँती एकट्ठा भएन। अउर उ सबइ ओनके कछू चेलन बिना साफ किए हथवा स खात देखेन। (बिना साफ किया स मतलब इ अहइ कि उ पचन फरीसियन क बताए भए तरीके स हथवा नाहीं धोवत रहेन।) फरीसियन अउर दूसर यहूदियत खाइका नाहीं खातेन जब तलक उ सबइ आपन हथवा क पूर्वजन क रीति स न धोइ लेइँ। इहइ तरह उ सब बजारे स खाइ क बरे लावा भवा कउनो चीज तब तक नाहीं खातेन, जब तलक ओहका खास तरीके स न धोइ लेइँ। इहइ तरह अउ बहोत स रितियन अहइँ, जेका उ सबइ करत आवत हइँ जइसे खोरा, गगरी, ताँवा क बासन अउर गद्देदार कुर्सी क धोउब।

एह बरे फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन ओसे पूछेन, “काहे तोहार चेलन पूर्वजन क रीतिन्क करतेन नाहीं, मुला आपन मइले हाथन स खइया क खात हीं?”

ईसू ओनसे कहेस, “यसायाह तू जइसे कपटिन क बारे मँ पहिले भविस्सबाणी कइ दिहस, जइसा कि लिखा बाटइ:

‘इ मनइयन ओंठवा स मोर इज्जत करत हीं
    मुला ओनके मनवा ओसे दूर अहइँ।
मोका एनकर उपासना अर्पित अहइ बिना काम क अउर इ सबइ बेकार उपासना करत हीं।
    काहेकि इ सबइ लोग मनई क बनए सिद्धान्त अउर नेम काहे कइके सिखावत हीं।’ (A)

तू पचे परमेस्सर क आदेस न उठाइ क एक कइँती धइ दिहा अउर मनई क रीतिन्क परिपाटी क सहारा लइके चलावत अहा।”

ईसू ओनसे कहेस, “तू आपन पचन क बहोत चलाक समझत अहा। तू परमेस्सर क आदेसन ऐहि बरे टारइ चाहत ह, जेहसे आपन रीतन्क चलाइ सका। 10 उदाहरण बरे जइसे मूसा कहेस, ‘आपन महतारी बाप क इज्जत द्या।’(B) अउर ‘जउन मनई महतारी बाप क बुरा भला कहइ ओका मार डावा।’(C) 11 तू पचन सिखावत ह, ‘जदि कउनो मनई महतारी बाप स कहत ह कि मोरे जेहि चीज स तोहका फायदा मिल सकत ह, उ परमेस्सर क दइ दीन्ह।’ 12 तउ तू ओनकर महतारी बाप बरे कछू करइ क मना करत ह। 13 इ नाई तू आपन रीति रिवाज स परमेस्सर क बचन क बेकार बनइ देत ह, अउर अइसी बहोत स बातन तू करत ह।”

14 ईसू फिन भिरिया क बोलाएस अउर ओनसे कहेस, “हर मनई मोरउ बात सुना अउर समझा। 15 अइसी कउनो चीज नाहीं जउन मनई क बाहेर स आवइ अउर ओका भीतर जाइके असुद्ध करइ। मुला जउन चीज मनई क भीतर स आवत हीं, उ ही ओका असुद्ध करत हीं।” 16 [a]

17 फिन ईसू भीर क छोड़ि कइ घर गवा तउ ओकर चेलन ओसे इ दिस्टान्त क बारे मँ सवाल करेन। 18 तब ईसू ओनसे कहेस, “का तू पचे कछू नाहीं समुझ पाया? कउनो बात जउन बाहेर ते मनई क भीतर आवत हीं, का उ ओका असुद्ध कइ सकी? 19 एह बरे उ सोझाई मनई क हिरदइ मँ जात नाहीं। उ पेटवा मँ जात ह अउर इ गुह मँ होइ क निकर जात ही।” (अइसा कहत उ सबइ खइया क चीजन्क सुद्ध कहेस।)

20 अउर ईसू कहेस, “इ उही अहइ जउन मनई क हिरदइ स आवत ह अउर ओका असुद्ध करत ह। 21 मनई क हिरदइ स बुरा बिचार आवत हीं अउर अनैतिक करम, चोराउब, कतल करब, 22 व्यभिचार, लालच, दुस्टता, चाल चपेट, बेहूदगी, जलन, चुगुलखोरी, घमण्ड अउर बेवकूफी 23 ई सब बुरी चीज भीतर स आवत हीं अउ मनई क असुद्ध बहइ देत हीं।”

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Footnotes

  1. 7:16 कछू यूनानी प्रतियन मँ पद 16 जोड़ा गवा अहइ: “यदि कउनो क सुनइ क कान होइँ तउ सुन लेइ।”