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सदूकियों की चाल

(मरकुस 12:18-27; लूका 20:27-40)

23 उसी दिन (कुछ सदूकी जो पुनरुत्थान को नहीं मानते थे) उसके पास आये। और उससे पूछा, 24 “गुरु, मूसा के उपदेश के अनुसार यदि बिना बाल बच्चों के कोई, मर जाये तो उसका भाई, निकट सम्बन्धी होने के नाते उसकी विधवा से ब्याह करे और अपने भाई का वंश बढ़ाने के लिये संतान पैदा करे। 25 अब मानो हम सात भाई हैं। पहले का ब्याह हुआ और बाद में उसकी मृत्यु हो गयी। फिर क्योंकि उसके कोई संतान नहीं हुई, इसलिये उसके भाई ने उसकी पत्नी को अपना लिया। 26 जब तक कि सातों भाई मर नहीं गये दूसरे, तीसरे भाईयों के साथ भी वैसा ही हुआ 27 और सब के बाद वह स्त्री भी मर गयी। 28 अब हमारा पूछना यह है कि अगले जीवन में उन सातों में से वह किसकी पत्नी होगी क्योंकि उसे सातों ने ही अपनाया था?”

29 उत्तर देते हुए यीशु ने उनसे कहा, “तुम भूल करते हो क्योंकि तुम शास्त्रों को और परमेश्वर की शक्ति को नहीं जानते। 30 तुम्हें समझाना चाहिये कि पुर्नजीवन में लोग न तो शादी करेंगे और न ही कोई शादी में दिया जायेगा। बल्कि वे स्वर्ग के दूतों के समान होंगे। 31 इसी सिलसिले में तुम्हारे लाभ के लिए परमेश्वर ने मरे हुओं के पुनरुत्थान के बारे में जो कहा है, क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा? उसने कहा था, 32 ‘मैं इब्राहीम का परमेश्वर हूँ, इसहाक का परमेश्वर हूँ, और याकूब का परमेश्वर हूँ।’(A) वह मरे हुओं का नहीं बल्कि जीवितों का परमेश्वर है।”

33 जब लोगों ने यह सुना तो उसके उपदेश पर वे बहुत चकित हो गए।

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