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29 “उन दिनों जो मुसीबत पड़ेगी उसके तुरंत बाद:

‘सूरज काला पड़ जायेगा,
    चाँद से उसकी चाँदनी नहीं छिटकेगी
आसमान से तारे गिरने लगेंगे
    और आकाश में महाशक्तियाँ झकझोर दी जायेंगी।’[a]

30 “उस समय मनुष्य के पुत्र के आने का संकेत आकाश में प्रकट होगा। तब पृथ्वी पर सभी जातियों के लोग विलाप करेंगे और वे मनुष्य के पुत्र को शक्ति और महिमा के साथ स्वर्ग के बादलों में प्रकट होते देखेंगे। 31 वह ऊँचे स्वर की तुरही के साथ अपने दूतों को भेजेगा। फिर वे स्वर्ग के एक छोर से दूसरे छोर तक सब कहीं से अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेगा।

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Footnotes

  1. 24:29 देखें यशायाह 13:10; 34:4