मत्ती 26:20-25
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
20 दिन ढले यीशु अपने बारह शिष्यों के साथ पटरे पर झुका बैठा था। 21 तभी उनके भोजन करते वह बोला, “मैं सच कहता हूँ, तुममें से एक मुझे धोखे से पकड़वायेगा।”
22 वे बहुत दुखी हुए और उनमें से प्रत्येक उससे पूछने लगा, “प्रभु, वह मैं तो नहीं हूँ! बता क्या मैं हूँ?”
23 तब यीशु ने उत्तर दिया, “वही जो मेरे साथ एक थाली में खाता है मुझे धोखे से पकड़वायेगा। 24 मनुष्य का पुत्र तो जायेगा ही, जैसा कि उसके बारे में शास्त्र में लिखा है। पर उस व्यक्ति को धिक्कार है जिस व्यक्ति के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जा रहा है। उस व्यक्ति के लिये कितना अच्छा होता कि उसका जन्म ही न हुआ होता।”
25 तब उसे धोखे से पकड़वानेवाला यहूदा बोल उठा, “हे रब्बी, वह मैं नहीं हूँ। क्या मैं हूँ?”
यीशु ने उससे कहा, “हाँ, ऐसा ही है जैसा तूने कहा है।”
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मत्तियाह 26:20-25
Saral Hindi Bible
20 सन्ध्या समय येशु अपने बारह शिष्यों के साथ बैठे हुए थे. 21 जब वे भोजन कर रहे थे येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूँ: तुम्हीं में एक है, जो मेरे साथ धोखा करेगा.”
22 बहुत उदास मन से हर एक शिष्य येशु से पूछने लगा, “प्रभु, वह मैं तो नहीं हूँ?”
23 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जिसने मेरे साथ कटोरे में अपना कौर डुबोया था, वही है, जो मेरे साथ धोखा करेगा. 24 मानव-पुत्र को तो जैसा कि उसके विषय में पवित्रशास्त्र में लिखा है, जाना ही है; किन्तु धिक्कार है उस व्यक्ति पर, जो मनुष्य के पुत्र के साथ धोखा करेगा. उस व्यक्ति के लिए अच्छा तो यही होता कि उसका जन्म ही न होता.”
25 यहूदाह ने, जो येशु के साथ धोखा कर रहा था, उनसे प्रश्न किया, “रब्बी, वह मैं तो नहीं हूँ न?”[a]
येशु ने उसे उत्तर दिया, “यह तुमने स्वयं ही कह दिया है.”
Read full chapterFootnotes
- 26:25 अथवा: यह तुमने स्वयं कह दिया.
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