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पौलॉस की ओर से, जो मसीह येशु में उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार, परमेश्वर की इच्छा के द्वारा मसीह येशु का प्रेरित है,

प्रिय पुत्र तिमोथियॉस को:

हमारे पिता परमेश्वर और मसीह येशु, हमारे प्रभु की ओर से अनुग्रह, कृपा और शान्ति मिले.

मैं रात-दिन अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें याद करते हुए परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ, जिनकी सेवा मैं शुद्ध विवेक से उसी प्रकार करता हूँ, जैसे मेरे पूर्वज करते थे. तुम्हारे आँसुओं का याद करते हुए मुझे तुमसे मिलने की लालसा होती है कि मेरा आनन्द पूरा हो जाए. मुझे तुम्हारा निष्कपट विश्वास याद आता है, जो सबसे पहिले तुम्हारी नानी लोइस तथा तुम्हारी माता यूनिके में मौजूद था, और जो निश्चित ही तुममें भी मौजूद है.

तिमोथियॉस को परमेश्वर द्वारा दी गई क्षमताओं की दोबारा याद दिलाना

यही कारण है कि मैं तुम्हें याद दिला रहा हूँ कि परमेश्वर द्वारा दी गई उस क्षमता को पुनर-ज्वलित करो, जो तुम पर मेरे हाथ रखने के द्वारा तुममें थी. यह इसलिए कि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं परन्तु सामर्थ, प्रेम तथा आत्म-अनुशासन का मन दिया है.

इसलिए न तो हमारे प्रभु के विषय में गवाही देने में और न मुझ से, जो उनके लिए बन्दी हूँ, लज्जित होना परन्तु परमेश्वर द्वारा दी गई सामर्थ्य के अनुसार ईश्वरीय सुसमाचार के लिए कष्ट उठाने में मेरे साथ शामिल हो जाओ. परमेश्वर ने ही हमें उद्धार प्रदान किया तथा पवित्र जीवन के लिए हमें बुलाया है—हमारे कामों के आधार पर नहीं परन्तु सनातन काल से मसीह में हमारे लिए आरक्षित अपने ही उद्धेश्य तथा अनुग्रह के अन्तर्गत. 10 इस अनुग्रह की अभिव्यक्ति अब हमारे उद्धारकर्ता मसीह येशु के प्रकट होने के द्वारा हुई है, जिन्होंने एक ओर तो मृत्यु को नष्ट किया तथा दूसरी ओर ईश्वरीय सुसमाचार के द्वारा जीवन तथा अमरता को प्रकाशित किया. 11 इसी ईश्वरीय सुसमाचार के लिए मैं प्रचारक, प्रेरित तथा शिक्षक चुना गया. 12 यही कारण है कि मैं ये यातनाएँ भी सह रहा हूँ किन्तु यह मेरे लिए लज्जास्पद नहीं है क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किन में विश्वास किया है तथा मुझे यह पूरा निश्चय है कि वह उस दिन तक मेरी धरोहर की रक्षा करने में पूरी तरह सामर्थी हैं.

13 जो सच्ची शिक्षा तुमने मुझसे प्राप्त की है, उसे उस विश्वास और प्रेम में, जो मसीह येशु में बसा है, अपना आदर्श बनाए रखो. 14 पवित्रात्मा के द्वारा, जिनका हमारे भीतर वास है, उस अनुपम धरोहर की रक्षा करो.

15 तुम्हें यह मालूम ही है कि आसिया प्रदेश के सभी विश्वासी मुझ से दूर हो गए हैं. उनमें फ़िगेलस तथा हरमोगेनेस भी हैं.

16 ओनेसिफ़ोरस के परिवार पर प्रभु कृपा करें. उसने बहुधा मुझमें नई स्फूर्ति का संचार किया है. मेरी बेड़ियाँ उसके लिए लज्जा का विषय नहीं थीं. 17 जब वह रोम नगर में था, उसने यत्नपूर्वक मुझे खोजा और मुझसे भेंट की. 18 इफ़ेसॉस नगर में की गई उसकी सेवाओं से तुम भली-भांति परिचित हो. प्रभु करें कि उस दिन उसे प्रभु की कृपा प्राप्त हो!